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History of Chhattisgarh (छत्तीसगढ़ का इतिहास)

Table of Contents

परिचय (Introduction)

छत्तीसगढ़, जिसे ‘धान का कटोरा’ भी कहा जाता है, भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। यह अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व, आदिवासी परंपराओं और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम छत्तीसगढ़ के इतिहास को प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक विस्तार से समझेंगे।

छत्तीसगढ़ का इतिहास (History of Chhattisgarh)

महाकाव्य काल (रामायण और महाभारत से संदर्भ)

छत्तीसगढ़ का उल्लेख रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। माना जाता है कि भगवान राम अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के जंगलों में कुछ समय तक रहे थे। इस क्षेत्र को ‘दंडकारण्य’ के रूप में पहचाना जाता था।

महाभारत में भी इस क्षेत्र का उल्लेख ‘चेदि साम्राज्य’ के रूप में किया गया है, जिसका संबंध राजा शिशुपाल से था।

मौर्य और गुप्त काल (322 BCE – 550 CE)

  • मौर्य साम्राज्य (322-185 BCE) के दौरान छत्तीसगढ़ सम्राट अशोक के शासन में था। इस काल में बौद्ध धर्म का काफी प्रचार-प्रसार हुआ।
  • गुप्त साम्राज्य (319-550 CE) के समय यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से शक्तिशाली बना और व्यापार तथा कला में उन्नति हुई।

कलचुरी वंश (9वीं – 18वीं शताब्दी)

छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक विकास कलचुरी राजवंश के शासनकाल में हुआ। उन्होंने रतनपुर और रायपुर को अपनी राजधानी बनाई और कई मंदिरों और किलों का निर्माण करवाया।

  • महानदी घाटी में इस काल में सांस्कृतिक और स्थापत्य कला का विकास हुआ।
  • भोरमदेव मंदिर, जिसे ‘छत्तीसगढ़ का खजुराहो’ भी कहा जाता है, इसी काल की देन है।

मध्यकालीन छत्तीसगढ़ (13वीं – 18वीं शताब्दी) – छत्तीसगढ़ का इतिहास

मराठा शासन और छत्तीसगढ़

1741 में मराठाओं ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और इसे नागपुर की भोंसले रियासत के अधीन कर दिया। मराठा शासन के दौरान राजस्व वसूली प्रणाली काफी कठोर थी, जिससे जनता पर भारी कर लगाया गया।

ब्रिटिश शासन और स्वतंत्रता संग्राम (1854 – 1947)

ब्रिटिश शासन का आगमन

1854 में, छत्तीसगढ़ को ब्रिटिश भारत का हिस्सा बना दिया गया और इसे मध्य प्रांत में शामिल कर लिया गया।

छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम

छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई विद्रोह हुए, जिनमें प्रमुख हैं:

  • 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम – वीर नारायण सिंह को छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष किया और अंततः फांसी दे दी गई।
  • महात्मा गांधी का प्रभाव – 1920 के दशक में, असहयोग आंदोलन और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में छत्तीसगढ़ की जनता ने सक्रिय भागीदारी की।

छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास और राज्य निर्माण – छत्तीसगढ़ का इतिहास

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन (2000)

छत्तीसगढ़ को 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित किया गया। रायपुर को राज्य की राजधानी बनाया गया।

राजनीतिक विकास

  • 2000-2003: पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी बने।
  • 2003-2018: डॉ. रमन सिंह (BJP) का शासनकाल छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक चला।
  • 2018-वर्तमान: भूपेश बघेल (INC) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं।

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर – छत्तीसगढ़ का इतिहास

लोक कला और संगीत

छत्तीसगढ़ अपनी लोककला, नृत्य और संगीत के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख नृत्य रूप हैं:

  • पंथी नृत्य (सतनामी समाज से जुड़ा)
  • राउत नाचा (ग्वालों का नृत्य)
  • सुआ नृत्य (महिलाओं द्वारा किया जाने वाला पारंपरिक नृत्य)

प्रमुख त्यौहार

छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहारों में पोला, हरेली, गोवर्धन पूजा, और छेरछेरा शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ का आर्थिक इतिहास – छत्तीसगढ़ का इतिहास

कृषि आधारित अर्थव्यवस्था

छत्तीसगढ़ मुख्यतः एक कृषि प्रधान राज्य है और इसे ‘धान का कटोरा’ कहा जाता है। यहाँ चावल उत्पादन प्रमुख रूप से किया जाता है।

खनिज संपदा और औद्योगीकरण

छत्तीसगढ़ भारत के प्रमुख खनिज उत्पादक राज्यों में से एक है। प्रमुख खनिजों में लौह अयस्क, कोयला, बॉक्साइट और डोलोमाइट शामिल हैं।

बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में:

  • भिलाई स्टील प्लांट (BSP)
  • BALCO (Bharat Aluminium Company)
  • NTPC, SECL जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ का पर्यटन और ऐतिहासिक स्थल 

प्रमुख पर्यटन स्थल

  1. चित्रकोट जलप्रपात – भारत का ‘नियाग्रा फॉल’
  2. तिरथगढ़ जलप्रपात – बस्तर क्षेत्र में प्रसिद्ध जलप्रपात
  3. गिरौधपुरी धाम – सतनामी संप्रदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल
  4. डोंगरगढ़ का बमलेश्वरी मंदिर – प्रसिद्ध देवी मंदिर

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ का इतिहास बेहद समृद्ध और गौरवशाली रहा है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक, यह राज्य संस्कृति, परंपरा, स्वतंत्रता संग्राम और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। आज यह न केवल एक प्रमुख कृषि और खनिज उत्पादक राज्य है, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के मामले में भी देशभर में प्रसिद्ध है।

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